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गलत हिंद ई!

रम पराम पराम, उठे सबके कदाम,
एजी ऐसे गीत जाया करो,

अराम हेराम है, शराम बेशराम है,
एक ही बज़ रंग हैं सब,
और बड़े बदरंग हैं,

दंग_आ नियत में रम गया है जैसे,
सलाम का गला धड़ से कलम है,
जयश्री रम गई है गटर की चकाचौंध में,
कीचड़ नराम है सेज बनी
सम विधान विषराम है,
 
अराम हेराम है, शराम बेशराम है,
भग, वाह वाह हो रही चहुँ और,
दंगआराम है,
 
समाचार व्यभिचार है,
सच्चाई भक्त बनी है धूनी रामाए
सारे दुष्कराम ही रम गए है कण कण,

रम गए हैं, रम पराम पराम
उठे सबके कदाम,

योद्धा के सब धंधे हैं,
बेसराम के बढ़े चंदे हैं
डर से सब गंदे हैं,
बदरंगी बंदे हैं!


रम पराम पराम, उठे सबके कदाम,
अजी ऐसे गीत जाया करो!

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साफ बात!

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मेरे गुनाह!

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